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मैथ स्ेस
य ह लेख एक णिक्षक के कायथि से प्रेररत है, णजनहोंने एट राईट एंगलस [1] के जुलाई 2015 के अंक के ‘Thoughts on the Division Operation’ लेख पढकर कक्षा-5 के सा् कायथि णकया है ।संणक्प्त पुनरािलो्न : भाग करना; जोडना, घटाना और गुिा से कई तरीक़ों से अलग है । मुखयत: यह इन चारों संणरियाओं में सबसे जणटल भी है, कयोंणक अनय तीन संणरियाओं के कलन (एलगोररदम) में णकसी अनुमान की आवशयकता नहीं होती है, चाहे वे णकतनी भी बडी संखया पर कयों न लगाई जा रही हों । हालाँणक, दीघथि णवभाजन के मानक कलन में अनुमान लगाने की आवशयकता होती है, सा् ही प्रणरिया से अणधक जुडाव की भी आवशयकता होती है, णजसमें “अगर ्ह है, तगो ऐसा िरगो” िे कई दोहराव होते हैं ।
वतथिमान में एनसीईआरटी पाि्यपुसतकों में प्रारणमभक सतर (कक्षा-5 तक) पर बहु-अंकीय भाजकों का कोई उललेख नहीं है । न ही इसके बाद यानी माधयणमक सतर (कक्षा-6 से 8) पर कोई उललेख है । तो, कया हमें यह पढाना चाणहए? कया इसकी आवशयकता तब भी है, जबणक कै लकु लेटर हर जगह हैं, यहाँ तक णक सामानय फ़ोन में भी?
इनहें अभी भी पढाने के दो कारि हैं :
1. अमकूमन हमें णकसी बडी संखया जैसे 365 से भाग देने की आवशयकता नहीं पडती है, लेणकन यह जानना ज़रूरी है णक आवशयकता पडने पर हमें कै से भाग करना है । णकसी बडे भाजक से भाग देने की प्रणरिया दो-अंकीय संखया से भाग देने की प्रणरिया (णजसमें अनुमान लगाना भी िाणमल है) से णवसताररत होती है । इसीणलए, णिक्षाण्थियों को दो-अंकीय णवभाजक से वाणक़फ़ होना चाणहए ।
2. हालाँणक, एक अणधक वयावहाररक कारि यह भी है णक णिक्षाण्थियों से सककू ल में अकसर 2 अंकों की संखया से भाग देने की अपेक्षा की जाती है ।णिक्षाण्थियों को कै लकु लेटर का उपयोग करने की अनुमणत नहीं दी जाती है ।आगे कु छ उदाहरि णदए जा रहे हैं ।
की-वर्ड : विभ ाजन कलन, अनुमान, तर्क, प्रक्रियात्मक समझ
7. एक दकूधवाले ने अपनी दो भैंसे बेचीं, हरेक भैंस के उस 20,000 रूपए णमले । एक भैंस पर उसे 5% का लाभ हुआ, तो दकूसरी भैंस पर 10% का नुक़सान हुआ । बताइए उसे कु ल णकतना लाभ या नुक़सान हुआ । (णहंट : हरेक का लागत मकूलय (CP) पता कररए ।)
10. 2003 में एक स्ान की जनसंखया 5% प्रणतवरथि की दर से बढकर 54000 हो गई —
(i) 2001 में जनसंखया बताइए ।
(ii) 2005 में जनसंखया णकतनी होगी?
अनय उदाहरि यहाँ णमल सकते हैं :
• क्षेरिणमणत — णकसी वृत्त की पररणध दी गई है और इस आधार पर उसकी णरिजया ज्ञात करने में । उदाहरि के णलए, एक ऐसे वृत्त की णरिजया ज्ञात कीणजए जो 40 सेमी लमबे तार को मोडकर बनाया गया है ।
• आँकडों का प्रबनधन — माधय की गिना करने में । उदाहरि के णलए, 23 ऐसी वसतुओं का माधय ज्ञात करना णजनका कु ल योग 4178 है ।
कक्षा-8 में आँकडों का प्रबनधन (डेटा हैंडणलंग) पर सवाल हल करते समय के णिक्षक के एक अनुभव का संणक्षप्त णववरि नीचे णदया गया है ।
णिक्षक : हमारे पास 23 वसतुएँ हैं, णजनका कु ल वज़न 4178 णकलोग्ाम है, कया कोई इसके औसत वज़न का अनुमान लगा सकता है? आपने कै से अनुमान लगाया, यह भी समझाना होगा ।
णवद्ा्थी-क : 200 णकलोग्ाम से कम है । कयोंणक 23×200 = 4600 णकलोग्ाम होते हैं । णवद्ा्थी-ख : 150 णकलोग्ाम से अणधक है । चँकूणक 23×100 = 2300 णकलोग्ाम होते हैं इसणलए औसत 100 णकग्ा की तुलना में 200 णकग्ा के क़रीब होने चाणहए ।
णिक्षक : बहुत बणढया सोचा! मैंने ग़ौर णकया है णक आप अनुमान लगाने के णलए 10 और 100 के गुिजों का उपयोग कर रहे हैं । देखते हैं णक कया आप ऐसा ही अनुमान 23 से भाग देने में लगा सकते हैं । आप 23 की नज़दीकी 10 की गुिज पकूिाांक संखया, यानी 20 कयों नहीं ले लेते? अब 41 को 20 से णवभाणजत करें और इसके भागिल के पहले अंक के णलए अनुमान लगाएँ ।
णवद्ा्थी-ग : इस तरह हमें 2 णमला, मुझे यह लगता है णक हम अनुमाणनत उत्तर से दकूर जा रहे हैं ।
णिक्षक : बहुत ही चौकस । तो चणलए जाँच करते हैं, 23 को 2 से गुिा करने पर हमें 46 णमला । और जैसा णक आपने कहा ्ा यह 41 से अणधक है ।
णवद्ा्थी-ख : तो, भागिल का पहला अंक 1 है और िेरिल 41-23, यानी 18 है । कया हम अगले अंक को नीचे उतारकर लाएँ, जैसा णक हम एक-अंकीय णवभाजन में करते हैं?
णिक्षक : हाँ, ये हो गए 187, अब हम णिर से 20 को 9 स गुिा करके देखते हैं, यह 180 हुआ ।
णवद्ा्थी-क : ओह, तो हम 23×9 करके देखते हैं, 207 णमला । अब णिर हम 23×8 करके देखते हैं, यह 184 णमला, यह 187 के काफ़ी क़रीब है ।
णिक्षक : तो, भागिल के पहले दो अंक हैं 1 और 8 और 3 हमारा नया िेरिल है । हम अगले अंक 8 को नीचे उतार लाएँ और 38 में 23 का भाग दें ।
णवद्ा्थी-ख : मुझे भागिल 181 णमला और िेरिल 15 । तो, मेरे णहसाब से औसत वज़न लगभग 181 णकलोग्ाम है, दरअसल लगभग 181.5 णकग्ा है । कयोंणक 15, 23 के आधा से अणधक है ।
णिक्षक : हाँ, हम दिमलव के बाद भी णवभाजन जारी रख सकते हैं । लेणकन अभी के णलए औसत वज़न णनकालने के णलए यह एक अचछा णवचार है । आपको कया लगता है ये 23 वसतुएँ कया होंगी?
णवद्ा्थी-घ :... िायद कोई जानवर है? डॉणलफ़न? मेरा पसनदीदा जानवर । णिक्षक : बहुत बणढया सुझाव है । मुझे पता है णक कु छ मोटरसाइणकलों का वज़न लगभग 200 णकलोग्ाम होता है । कु छ और ऐसी ‘वसतुओं’ को
खोजो णजनका वज़न 200 णकलोग्ाम होता है और कल इस पर चचाथि करते हैं णक इन 23 वसतुओं का औसत वज़न णनकालने की ज़रूरत कयों हैं । अपने कारि सोचें । कया हम आपके द्ारा बनाए गए पररदृशयों की नैणतकता पर बहस कर सकते हैं?
इस बातचीत को सुनकर, मैथ सपेस में हमने दो-अंकीय भाजक से भाग देने के णलए बुणनयादी नुसखा णलखने का णनिथिय णलया । जो यहाँ प्रसतुत है :
1. भाजक का णनकटतम 10 का गुिज पकूिाांक लें ।
2. अनुमान लगाएँ णक णनकटतम पकूिाांक संखया से भाजय को भाग देने पर भागिल (या भागिल अंक) णकतना होगा ।
3. भागिल अंक और वासतणवक भाजक का गुिनिल णनकालें ।
4. जाँच करें
बढे पकूिाांक के णलए : यणद भाजय - भागिल अंक × भाजक > भाजक : भागिल अंक में 1 जोड दें और चरि 3 दोहराएँ ।
घटे पकूिाांक के णलए : यणद भागिल अंक × भाजक > भाजय : भागिल अंक से 1 घटाएँ और चरि 3 दोहराएँ ।
5. (संिोणधत) भागिल के सा् भाग पकूरा करें ।
चँकूणक बहुत सारे समभाणवत मामले हो सकते हैं, (आगे हम देखेंगे णक यह णकतने हैं), यहाँ कु छ उदाहरि णदए गए हैं । इस लेख में, हम 3-अंकीय ÷ 2 अंकीय तक ही सीणमत रहेंगे । िेर का बाद में सामानयीकरि णकया जा सकता है ।
3- अंकीय ÷ 2 अंकीय के णलए कई समभावनाएँ :
बढे पकूिाां् (राउंि अप) ्े णलए
उदाहरि-1 : 672 ÷ 19
सोचें : यणद भाजक 19 की बजाय 17 होता, यानी 672 ÷ 17, तो यह प्रणरिया कै सी होती?
उदाहरि-2 : 867 ÷ 16
कया होगा यणद भाजय 867 की बजाय 863 हो, यानी 863 ÷ 16 हो?
उदाहरि-3 : 772 ÷ 31
यणद भाजय 772 की बजाय 779 हो, यानी 779 ÷ 31 हो, तो यह कै से हल
होगा?उदाहरि-4 : 805 ÷ 21
यणद भाजय 805 की बजाय 604 है, यानी 604 ÷ 21 है, तो कया होगा?
णपछले लेख में एक-अंकीय भागिल वाले भाग के उदाहरिों पर चचाथि की गई ्ी । णनमनणलणखत ताणलका हर एक-अंकीय भाग के मामले में सभी 2 × 2 × (1 + 2) = 12 समभावनाओं को सार रूप में प्रसतुत कर रही है ।
EQ = अनुमाणनत भागिल, FQ = अणनतम भागिल
बडे भाजकों के णलए णवणध के चरि-1 को णनमनानुसार संिोणधत णकया जा सकता है :
यणद भाजक में n-अंक हैं, तो इसे 10n के णनकटतम गुिज में पकूिाांणकत करें । बाक़ी चरि वैसे ही रहेंगे जैसे ्े । उदाहरि के णलए, आइए 8397 ÷ 365 पर णवचार करें
हमें उममीद है णक इससे णिक्षाण्थियों को बहु-अंकीय भाजक द्ारा उतपनन जणटलता से णनपटने में मदद णमलेगी, णविेर रूप स वे अनुमान और इसकी बारीणकयों को समझेंगे । धयान दें णक जैसे-जैसे भागिल का प्रतयेक अंक णमलता जाता है, णवणध इसके स्ानीय मान पर धयान के णनद्रत करती है, णजसे णिक्षक ने अपने णवद्ाण्थियों से चचाथि के दौरान िायद अनदेखा कर णदया ।
References
1. Thoughts on the Division Operation, At Right Angles, Jul 2015, http://publications.azimpremjifoundation.org/1719/1/ARA_ July_2015-38-41.pdf
2. Multi-Digit-Divisor (ppt): https://drive.google.com/file/d/1rBiYlFhbD0Ylh_noZm-_xhFBpFVJ-0Nc/view
मैथ सपेस अज़ीम प्रेमजी णवश्वणवद्ालय की एक गणित प्रयोगिाला है जो सककू लों, णिक्षकों, अणभभावकों, बचचों, सककू ली णिक्षा और णिक्षक प्रणिक्षकों के सा् काम करने वाले ग़ैर-सरकारी संगिनों को सेवाएँ प्रदान करती है । यह गणित की णवणभनन णिक्षक सहायक सामणग्यों (mat(h) erials) और उनकी समभावनाओं को तलािती है, उसी के सा् इनके कम लागत वाले संसकरि, जो कबाड से बनाए जा सकते हैं, को भी खोजती है । यह गणित से डरने या नफ़रत करने वालों और सा्-ही-सा् गणित प्रेणमयों, को समबोणधत करने का प्रयास करती है । यह एक ऐसा स्ान है जहाँ कई लोगों के सा् चचाथि से णवचार उतपनन होते हैं और णवकणसत होते हैं । मै् सपेस को आप इस ई-पते पर णलख सकते हैं — mathspace@apu.edu.in ।
अनुिाद : मेलोडी खलखो पुनरीक्ि : प्रणतका गुप्ता ्ॉपी एणिटर : अनुज उपाधयाय
मीठी बातें!
अजथिुन की माँ ने उसे एक गोलाकार कटोरे में एक बराबर साइज़ के और लगभग एकदम गोलाकार तीन गुलाब जामुन णदए । अजथिुन एक सरिॉ की मदद से चािनी को चखना
चाहता ्ा । जब उसने सरिॉ बीच में रखा तो उसने कु छ असामानय देखा । हरेक गुलाब जामुन एक-दकूसरे को छकू रहा ्ा । तीनों ही गुलाब जामुन कटोरे की दीवार को भी छकू रहे ्े और सरिॉ भी तीनों गुलाब जामुन को छकू रही ्ी । यणद अजथिुन को यह ज्ञात हो णक सरिॉ की णरिजया एक इकाई है, तो
• कया वह प्रतयेक गुलाब जामुन की णरिजया ज्ञात कर सकता है?
• कया वह कटोरे की णरिजया ज्ञात कर सकता है?